shiv chalisa in hindi Secrets
shiv chalisa in hindi Secrets
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शिव भजन
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, more info सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
Whosoever delivers incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with like and devotion, enjoys product contentment and spiritual bliss During this environment and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken out the Shiv chaisa suffering of all and grants them eternal bliss.
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
Whenever the gods contact out to him in distress, Lord Shiva instantly removes their sorrows. Throughout the fantastic turmoil caused by Tarakasura, All the gods turned to you personally for assistance.